तुमने तो फिर भी सीख लिए दुनिया के चाल चलन… हम तो कुछ भी ना कर सके बस मुहब्बत के…
“कभी हमसे भी पूछ लिया करो हाल-ए-दिल, कभी हम भी तो कह सकें दुआ है आपकी”
वो अपनी जिंदगी में हुए मशरूफ इतना वो किस किस को भूल गए ,उन्हें याद भी नहीं
लिख दूँ किताब तेरी मासूमियत पे मैं लेकिन कहीं हर कोई तुझे पाने का तलबगार न हो जाए।
जैसे बरस पड़ती है ..... मेरी आंखे तुझे याद करके.... क्या कभी ..... तेरी बाहे नहीं तरसती ..... मुझे गले…
तीन ही तो शौक़ हैं मेरे... शाम की चाय, शायरी और तुम....! ☕😊 😊☕
बढ़ रही हैं तुमसे दूरियाँ... आ बैठ गलत फमहियाँ मिटाते हैं...
कुछ अजीब शख्सियत है हम दोनों की... न वो #Ghazal में बयाँ होती हैं न हम #Status में।
बात वो कहिए कि जिस बात के सौ पहलू हों, कोई पहलू तो रहे बात बदलने के लिए।