#पिता अर्थात एक जोड़ी वह आंख, जिसकी पलकों में अंकुरते हैं बेटे को हर तरह से बड़ा करने के हजारों…
#पिता अर्थात वह लाठी, जो छोटे पौधे को सीधा करने के लिए, खड़ी और गड़ी रहती है, साथ-साथ...।
"माँ" एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है। #Mother #माँ #अम्मा
तू रंज न कर मैं तुझसे नही खुद से रुठा हूँ.. मैं वो फल हूँ जो अपनो के पत्थर से…
सफ़र में मुश्किलें आएँ तो जुर्रत और बढ़ती है कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है मेरी कमज़ोरियों…
सच चाहता है उसे हर कोई पहचाने और झूठ हमेशा डरता है कोई उसे पहचान ना ले
चलो तुम कुछ बातें याद करके हमे गले लगा लो❤️ और मैं कुछ बातें भूलकर मुस्कुरा लेती हूँ🤗....
गिरते परिंदों में भी फर्क देखती है दुनिया, संभालती उसी को है जो मजबूत होता है....
स्पष्टीरण देने में अपना समय मत बर्बाद करिये..... लोग केवल वही सुनते हैं जो वे सुनना चाहते हैं.