झूठ बोलने के लिए सबसे सुरक्षित जगह . . . अदालत है। ~हरिशंकर परसाई
चश्मदीद गवाह वो नहीं है जो देखे बल्कि वो है . . जो कहे कि मैंने देखा... ~हरिशंकर परसाई
संकट में तो शत्रु भी मदद कर देते हैं। मित्रता की सच्ची परीक्षा संकट में नहीं, उत्कर्ष में होती है।…
चाहे कोई दार्शनिक बने साधु बने या मौलाना बने, अगर वो लोगों को अंधेरे का डर दिखाता है, . .…
तारीफ़ करके आदमी से . . . कोई भी बेवकूफ़ी कराई जा सकती है! ~ हरिशंकर परसाई
इन्सान अगर अपने उंगलियों का इस्तेमाल अपनी गलतियों को गिनने में करने लगेगा तो उसे दूसरों के पिछवाड़े में उँगली…
यदि कोई तुम्हे नज़र अंदाज़ करे तो बुरा मत मानना क्योंकि . . . इंसान अक्सर महंगी चीजो को नज़र…
मास्क लगाकर दो महीने में ही थक गया वो आदमी जो कहता था कि . . “औरत” को हमेशा “घुंघट”…
अक्सर दिखाई नहीं देता पर सामने जरूर होता है . . हर खुदखुशी करने वाले का क़ातिल जरूर होता है
My First Restaurant - My Mother's Breast My First Toilet - My Mother's Laps My First Music - My Mom…