स्त्री चाहती है.. पुरुष उसको पढ़े । पुरुष चाहता है.. स्त्री उसको सुने । दोनों ही एक दूसरे को.. ना…
कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो,आँखें मूंदकर उसके पीछे न चलिए।यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती तो…
"मै एक मज़दूर हूँ। जिस दिन कुछ लिख न लूँ, उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं।" #प्रेमचंद
जिनगी हम ता जियल चाहीं खेत बगइचा बाड़ी में . . छोड़ छाड़ सब आईल बानी हम इहवाँ लाचारी में
दिल में इंतजार की लकीर छोड जायेगे॥ आँखों में यादो की नमी छोड जायेगे, ढूंढ़ते फिरोगे हमें एक दिन ……..…
वो बरसात में नहाना वो साइकल पर रेस लगाना वो पानी के छींटे उछालना वो घर आकर फिर से नहाना…
आप की सीधी-सादी बातों में चीनी के एक दाने भर की भी मिठास नहीं तो क्या हुआ साहिब!! . .…
शादी शुदा मर्द ज्यादातर राशिफल नही पढ़ते... वो तो रसोई से चाय के लिए अदरक कूटने की आवाज से अंदाज़ा…
ना दिल में आती हूँ ना समझ में आती हूँ .... आप अगर #चाय पिलाओ तो, अभी आती हूँ ...😋❤️