माह ए इश्क

माह - ए- इश्क़ फ़रवरी आ गई है, अब कलमों के मिजाज़ भी बदलेंगे और दिलों के भी……

3 years ago

मदद

"मदद" एक ऐसी घटना है…. करो तो लोग भूल जाते हैं… और न करो तो लोग याद रखते हैं

3 years ago

दिल जलने पर

जीभ जलने पर जब चाय नही छोड़ी जाती . .तो दिल जलने पर इश्क़ क्या खाक छोड़ेंगे….

3 years ago

मुस्कान को तभी रोको

मुस्कान को तभी रोको जब वो किसी को चोट पहुंचा रही होवरना …..खिल खिलाकर हसने दो

3 years ago

स्त्री चाहती है..

स्त्री चाहती है.. पुरुष उसको पढ़े । पुरुष चाहता है.. स्त्री उसको सुने । दोनों ही एक दूसरे को.. ना सुनते हैं ना ही पढ़ते हैं हाँ... यह अलग बात है कि.. आजकल दोनों ही एक - दूसरे को लिखते खूब हैं !!

3 years ago

हमारी जिंदगी का एक ही मकसद है

हमारी जिंदगी का एक ही मकसद है बदला

3 years ago

तुम लोगो का खाना कैसे हजम हो रहा  बे ?

तुम लोगो का खाना कैसे हजम हो रहा  बे ?  

3 years ago

बस इसी उम्मीद पे होता गया बर्बाद मैंगर कभी बिखरा तो आ कर तू सँभालेगा मुझे ~ अक्स समस्तीपुरी

3 years ago

मौन

मौन . क्रोध की सर्वोत्तम चिकित्सा है। ~ स्वामी विवेकानंद

3 years ago

पिताजी गणित हैं,और माँ?

पिताजी गणित हैं,कठिन, समझ में नहीं आतेलेकिन सत्य भी वही हैं। और माँ?माँ, प्रेम है, साहित्य है। माँ, एक कहानी सुनाती है,जोकि काल्पनिक है।जिससे हम सीखते हैं सत्यऔर समझने लगते हैं गणित… ~देवेंद्र पाण्डेय(@SankrityaDev)

3 years ago