जिन्दगी स्टेशन की तरह हो गई है... लोग तो बहुत है लेकिन . . . अपना कोई नही...
कौन कहता है की दिल.. सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है, तेरी ख़ामोशी भी कभी कभी.. आँखें नम कर देती…
वो मुझसे दूर रहकर खुश है, और मैं उसे खुश देखने के लिए दूर हूँ…
उम्र लग जाती है एहसासों को अल्फाज बनाने में यूँ दिल टूटने से कोई शायर नहीं बन जाता