two line shayari

बात वो कहिए कि जिस बात के सौ पहलू हों

बात वो कहिए कि जिस बात के सौ पहलू हों, कोई पहलू तो रहे बात बदलने के लिए।

5 years ago

मोहब्बत वो जज्बा है जिसमें हारा नहीं जाता

मोहब्बत वो जज्बा है जिसमें हारा नहीं जाता । दफन होकर भी आशिकी को बिसारा नहीं जाता

5 years ago

तारीफ़ों के पुल के नीचे

सुना है तारीफ़ों के पुल के नीचे मतलब की नदी बहती है ☺️

5 years ago

गुनगुनी धुप सा मजा देती है

सुनो... तुम्हारी याद भी इस दिसम्बर में, गुनगुनी धुप सा मजा देती है...

5 years ago

नवम्बर से बचे हैं तो दिसम्बर ने मार डाला

तुम्हारे बाद ग़ुज़रे हैं भला कैसे हमारे दिन, नवम्बर से बचे हैं तो दिसम्बर ने मार डाला...

5 years ago

ऐ दिसम्बर तू सब कुछ ले आया है सिवाय उसके

ये सर्द हवाएँ,बिखरे पत्ते और तन्हाई, ऐ दिसम्बर तू सब कुछ ले आया है सिवाय उसके...

5 years ago

कोई ऐसा कर बहाना मेरी आस टूट जाए

तेरे वादों पे कहाँ तक मेरा दिल फ़रेब खाए कोई ऐसा कर बहाना मेरी आस टूट जाए ~फ़ना निज़ामी कानपुरी

6 years ago

महके-महके से रहते हैं खुश्बू से तेरी

महके-महके से रहते हैं खुश्बू से तेरी तुम बन के इत्र बिखर गये हो मुझमें कहीं.!!

6 years ago

काँच सा है वजूद मेरा

काँच सा है वजूद मेरा और तुम समझते हो कोहिनूर मुझे

6 years ago

जब भी खोला है ये माज़ी का दरीचा मैं ने

जब भी खोला है ये माज़ी का दरीचा मैं ने कोई तस्वीर ख़यालों में नज़र आती है ~फ़रह इक़बाल

6 years ago