अगर तुम्हारी गिनती बदमाशों में होती है तो हमारा नाम भी कभी शरीफों की गिनती में नहीं आया
तमाम उम्र लगा दी हमने शरीफ़ होने में.. हुआ मैं शरीफ़ तो ज़माना ख़राब हो बैठा..।।