बाहर जाकर सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है खुश दिखना, खुश रहने से जरूरी हो गया है,
अजीब खेल है ये मोहब्बत का . . किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला!
बहुत तब्दीलियाँ आई हैं मुझमे बस तुझे याद करने की वो आदत नहीं गयी💕....!!!
नहीं मिला मुझे कोई तुम जैसा आज तलक, पर ये सितम अलग है कि मिले तुम भी नहीं..!
साँसों का टूट जाना तो बहुत छोटी सी बात है दोस्तो, जब अपने याद करना छोड़ दे, मौत तो उसे…
वो अपनी जिंदगी में हुए मशरूफ इतना वो किस किस को भूल गए ,उन्हें याद भी नहीं
थके लोगों को मजबूरी में चलते देख लेता हूँ मैं बस की खिड़कियों से ये तमाशे देख लेता हूँ ~मुनीर…
कबूतरों को उड़ा देता हूँ छत से उनकी खुशी देख के अब मुझे जलन होती हैं।
उम्र लग जाती है एहसासों को अल्फाज बनाने में यूँ दिल टूटने से कोई शायर नहीं बन जाता