मैं अपना चाय का कप किसी और को नही देती . . . . तुम्हे क्या खाक किसी और का…
जिस दिन वो मेरी सलामती की दुआ मांगती है उस दिन जेब में पड़ा गोल्ड फ्लैग भी टूट जाता है…