naha nupur kavita

ऐसा क्यों नही होता

मैं तुम्हारा नाम पुकारूँ तुम महक-महक जाओ मैं बनाऊं एक कविता तुम कलाम की स्याही बन जाओ -नेहा नूपुर

5 years ago