बाहर जाकर सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है खुश दिखना, खुश रहने से जरूरी हो गया है,
कोई ऐसा सख्श मुझे भी दे… ऐ मौला.. जो मुझे बस खोने से डरता हो…!!!
नहीं मिला मुझे कोई तुम जैसा आज तलक, पर ये सितम अलग है कि मिले तुम भी नहीं..!
न ज़ख्म भरे, न शराब सहारा हुई., न वो वापस लौटीं, न मोहब्बत दोबारा हुई..
तुमने तो फिर भी सीख लिए दुनिया के चाल चलन… हम तो कुछ भी ना कर सके बस मुहब्बत के…
तीन ही तो शौक़ हैं मेरे... शाम की चाय, शायरी और तुम....! ☕😊 😊☕
बढ़ रही हैं तुमसे दूरियाँ... आ बैठ गलत फमहियाँ मिटाते हैं...