जब एक रोटी के चार टुकड़े हों और खाने वाले पाँच, . . . तब मुझे भूख नहीं है ऐसा…
माना थक कर आँखे उसकी बंद होती हैं , पर माँ सोती भी हैं, तो फिक्रमंद होती हैं।
मैं ही नहीं, बड़े बड़े सूरमा भी याद करते हैं… ‘दर्द’ जब हद से ज्याद होता है तो, सब “माँ”…
♥MAA♥ na hogi to wafa kon krega, Mamta ka haq ada kon krega, Ya RAB her ek ki Maa ko…
तपते बदन पर भींगा रुमाल रखती है मां कितनी शिद्दत से मेरा ख्याल रखती है हैप्पी मदर्स डे
ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते हैं , जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते हैं।
सीधा साधा भोला भाला तेरे लिए मै ही सबसे अच्छा हूँ , कितना भी हो जाऊ बड़ा माँ मै आज…
मैंने "माँ " के कंधे पर सर रख कर पूछा - “माँ ” कब तक मुझे अपने कन्धों पर सोने…