ख्वाहिशे मेरी “अधुरी” ही सही पर .. . . . पर कोशिशे मै “पूरी” करता हुं….
हसरत पूरी ना हों तो ना सही . . . ख्वाहिश करना कोई गुनाह तो नहीं….!!
राज्यसभा सी है के मेरी ख्वाहिशें... स्थागित ही होती रहती हैं।😊