अरे ओ गालिब सांवले रंग पर मत जा गालिब . . . मैंने दुध से ज्यादा चाय के दिवाने देखे…
मेरा talent न पूछो गालिब..... . . . . . . . . . मैं तो गोल गप्पे वालों की…
मेरे बारे मे कोइ राय मत बनाना गालिब, मेरा वक्त भी बदलेगा, और तेरी राय भी ।