सर्द थपेड़े और हवा सरसरी है मासूम था जनवरी बदमाश तो ये फरवरी है
कितने ही दिल तोड़ती है ये "फरवरी" … यूंही नही बनाने वाले ने इसके दिन घटाये होंगे..!
फरेब का महीना आ गया है, . . कपड़े उतरेंगे इश्क के नाम पर!!