भगवा ओढ़े हिन्दू, हरा पहने मुसलमान . . . . मैं कौन सा रंग पहनू जो बन जाऊ इंसान 🇮🇳…
लिपट कर बदन कई तिरंगे में आज भी आते हैं, . . . यूँ ही नही दोस्तो हम आज़ादी मनाते…
केसरिया हो जोश अंग में खेत खेत हरियाली हो , सुजलां सफलां मेक इन इंडिया डिजीटल गांव में लाली हो…
आओ मेहनत को अपना ईमान बनायें अपने हाथों को अपना भगवान बनायें राम की इस धरती को गौतम की भूमी…
गांव की मिट्टी से बढ़कर कोई चंदन नही हो सकता ! #वंदेमातरम से बढ़कर कोई वंदन नही हो सकता !…
चाह नही मैं ब्रांडेड होकर अपने जीवन पर इतराऊँ चाह नही मैं विश्व सुंदरी के , पग में पहना जाऊँ…