तुम इश्क करो और दर्द न हो, . . . मतलब दिस्मबर की रात हो और सर्द न हो...!!!
दिसम्बर की सर्दी है उस के ही जैसी . . . ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है ❣️🌹
फिर से तेरी यादों का मेरे दिल में बबंडर है...!! . . . . वही मौसम, वही सर्दी, वही दिलकश…
रज़ाई वालो से ही... मज़ाक करती होंगी सर्दियाँ... सड़को पे... दिसंबर कई साल लंबा होता है..❤️
लिपट लिपट कर कह रही हैं, दिसम्बर की ये आखिरी शामें, . . . अलविदा कहने से पहले एक बार…
ये दिसम्बर भी बीतेगा पिछले साल की तरह, . . . इसे भी तुम्हारी तरह रुकने की आदत नहीं।