मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में…. बस हम गिनती उसी की करते है, जो हासिल ना हो सका….
बाहर जाकर सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है खुश दिखना, खुश रहने से जरूरी हो गया है,
बुरा कैसे बन गया साहब… दर्द लिखता हुँ . . . किसी को देता तो नही…
बहुत तब्दीलियाँ आई हैं मुझमे बस तुझे याद करने की वो आदत नहीं गयी💕....!!!