तपते बदन पर भींगा रुमाल रखती है मां कितनी शिद्दत से मेरा ख्याल रखती है हैप्पी मदर्स डे
ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते हैं , जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते हैं।
सीधा साधा भोला भाला तेरे लिए मै ही सबसे अच्छा हूँ , कितना भी हो जाऊ बड़ा माँ मै आज…
मैंने "माँ " के कंधे पर सर रख कर पूछा - “माँ ” कब तक मुझे अपने कन्धों पर सोने…
झुका हूँ तो कभी सिर्फ अपनों के लिए . . . और लोग इसे मेरी मज़बूरी समझ बैठे
नजाकत तो देखिये, की सूखे पत्ते ने डाली से कहा .. . . . चुपके से अलग करना वरना लोगो…
तुम्हारा होना बिल्कुल रविवार की सुबह जैसा है, कुछ सूझता नहीं है…. बस अच्छा लगता है !!!
हसरत पूरी ना हों तो ना सही . . . ख्वाहिश करना कोई गुनाह तो नहीं….!!
मत देख कोई शख्स गुनाहगार है कितना, बल्कि, यह देख, तेरे साथ वफादार है कितना…