barsat

Masaruf

तुम #मसरूफ़ हो तो.. #बारिश का कोई #हक़ नही... मेरे #शहर मे बरसने का .. मसरूफ़~व्यस्त

5 years ago

Fitarat

फितरत तो कुछ यूं भी है, इंसान कीसाहब.....#बारिश खत्म हो जाये तो छतरी बोझ लगती है।#बारिश

5 years ago

कागज कमाने है

घटाएं आ चुकी हैं आसमां पे, औऱ दिन सुहाने हैं... . . मेरी मजबूरी तो देखो, मुझे बारिश में भी…

5 years ago

सारी रात उसकी बातें

सारी रात उसकी बातें जहन मे चलती रही। यादें उसकी नैनो से #बारिश बन छलकती रही।

5 years ago