सब्र इतना रखो की इश्क़ बेहूदा ना बने . . . खुदा मेहबूब बन जाए ... पर महबूब खुदा ना…
प्रेम में पड़ी स्त्री को तुम्हारे साथ सोने से ज्यादा अच्छा लगता है तुम्हारे साथ जागना...!! -अमृता प्रीतम-
बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से याद करने… चाय ठंडी होती गई और किस्से गरम होते गये !!
लिख दूँ किताब तेरी मासूमियत पे मैं लेकिन कहीं हर कोई तुझे पाने का तलबगार न हो जाए।