जिन्दगी का अजीब किस्सा है अजनबी हाल पूछ रहे हैं और अपनों को खबर तक नहीं
तू रंज न कर मैं तुझसे नही खुद से रुठा हूँ.. मैं वो फल हूँ जो अपनो के पत्थर से…
दर्द भी वही देते हैं जिन्हे हक दिया जाता हो वर्ना गैर तो धक्का लगने पर भी माफी माँग लिया…