तप्त हृदय को, सरस स्नेह से,
जो सहला दे, मित्र वही है।
रूखे मन को, सराबोर कर,
जो नहला दे, मित्र वही है।
प्रिय वियोग, संतप्त चित्त को,
जो बहला दे, मित्र वही है।
………मैथिलीशरण गुप्त जी
आप सभी मित्रों को मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
#HappyFriendshipDay2019
आज मुबारक कल मुबारक होली का हर पल मुबारक रंग बिरंगी होली में हमारा भी एक रंग मुबारक #HappyHoli
एक ही बात सीखी आज मैने रंगों से . . अगर निखरना है तो बिखरना जरूरी है
उस होली में जिंदगी भर की होली सिमट जाए . . जिस होली में रंगों की जगह आकर तू मुझसे…
रंग उसी का चढ़ा है अब तक . . जिसने रंग नही लगाया अब तक #HappyHoli
तमन्ना तुम्हे रंग लगाने का नही . . तमन्ना तुम्हारे रंग में रंग जाने की है। #HappyHoli