हसरत पूरी ना हों तो ना सही . . . ख्वाहिश करना कोई गुनाह तो नहीं….!!
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में…. बस हम गिनती उसी की करते है, जो हासिल ना हो सका….
मत देख कोई शख्स गुनाहगार है कितना, बल्कि, यह देख, तेरे साथ वफादार है कितना…
बाहर जाकर सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है खुश दिखना, खुश रहने से जरूरी हो गया है,
रिश्तों को कभी धोखा मत दो, पसंद ना आऐ तो उसे पूर्णविराम कर दो
मेरी ख़ूबीयो पर तो….. यहाँ सब खामोश रहते हैं .. चर्चा मेरे बुराई पे हो तो… गूँगे भी बोल पड़ते…
खूबसूरती न सूरत में है… न लिबास में है… निगाहें जिसे चाहे… उसे हसीन कर दें…
इतना तो किसी ने चाहा भी न होगा तुम्हे, जितना मैंने सिर्फ…… सोचा है तुम्हे