#बारिश और #मोहब्बत दोनों ही यादगार होते हैं फर्क सिर्फ इतना होता है बारिश में #जिस्म भींगता है और #मोहब्बत…
सारी रात उसकी बातें जहन मे चलती रही। यादें उसकी नैनो से #बारिश बन छलकती रही।
आज की पीढ़ी क्या जाने... बचपन मे स्कूल के समय हमारा तो हर दिन "योगा डे" होता था... जब ...…
अरे ओ गालिब सांवले रंग पर मत जा गालिब . . . मैंने दुध से ज्यादा चाय के दिवाने देखे…
कुछ ज़ख़्म ऐसे भी होंगे, जिन्हें वक़्त भर लेगा, . . . पर पहली नज़र के वार की बात ही…
बस एक बार किसी ने गले लगाया था फिर उस के बाद न मैं था न मेरा साया था #ज़फ़र_इक़बाल…
न शोहरत की दरकार थी न तोहमत से बैर था उम्मीद इतना ही था की वो अपना था गैर न…
फिर वही शाम,फिर वही चाय.. फिर वहीं तेरी,याद का आना.. फिर वही बेचैनी,फिर वहीं तलब.. फिर वही हर घुट में,तुझे…
जो मिला उसमें ही खुश रहता हूँ, क्योंकि मेरी उंगलियां ही मुझे सिखाती हैं कि दुनिया में बराबर कोई नहीं…
मुझे चाह नही गुलदस्तों की . . . मैं तो खुश हूँ, महकते एक गुलाब से