दिल खुद ढूंढ लेता है तेरी बेरुखी के बहाने। तुम्हे अपनी सफाई में कुछ कहने की जरूरत नही।।
राज्यसभा सी है के मेरी ख्वाहिशें... स्थागित ही होती रहती हैं।😊
#उम्मीद लगाए आज भी, तेरा करता हूं इंतज़ार.! आओगे एक दिन पास मेरे, जब टूटेगा विश्वास.! मैं चाहूंगा फिर भी…
जुल्म के सारे हुनर हम पर यूँ आजमाये गये, जुल्म भी सहा हमने, और जालिम भी कहलाये गये!!
जब कभी दर्द की तस्वीर बनाने निकले ज़ख़्म की तह में कई ज़ख़्म पुराने निकले ~अहया भोजपुरी
बहुत रोयी वो उस शख़्स के जाने से इश्क़ रहा होगा, यूं ही कोई जज़्बाती नहीं होता
बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लो मोहब्बत में कोई भी फ़ैसला ज़ाती नहीं होता ~अफ़ज़ल ख़ान
मेरे घर की छत से रिसती है मेरी असफलताएं बरसातों में और मेरी अवस्था मेरा उपहास उड़ाती है...
कबूतरों को उड़ा देता हूँ छत से उनकी खुशी देख के अब मुझे जलन होती हैं।