कुछ रस्में मोहोब्बत में ऐसे भी निभाई हमनें पूछा जब कभी "कैसी हो? " . . . कहा "अच्छी" हमने…
मोहल्ले की मोहब्बत का भी अजीब फसाना है..💕 . . . चार घर की दूरी है बीच में सारा जमाना…
समझता ही नहीं वो शख़्स, अल्फ़ाज़ की गहराई... हमने हर वो लफ़्ज़ कह दिया, जिस में मोहब्बत है..!!
मेरे घर की छत के ऊपर एक छोटी छत है, वहाँ का रास्ता एक कच्ची सीढ़ी से हो कर जाता…
प्यार किसी ऐसे से करो जिसकी ज़िन्दगी में दर्द हो . . . क्यूकी वो इंसान कभी धोखा नहीं दे…
बहुत किस्मत से मिलता है वो एक शख्स जो सच्चे दिल से प्यार निभाने वाला हो