मुझ को बीमार करेगी, तेरी आदत इक दिन और फिर तुझ से भी अच्छा नहीं हो पाऊँगा -Rahul Jha
तलब में शुमार इस कदर दीदार उनका, सौ बार भी मिल जाये अधूरा लगता है।
वजह को एक वजह पे ख़तम करेंगे तुम सजा ऐसी देना की हम बिन खता के खता को खत्म करेंगे
शौक था कभी पढ़ने का उन्हें जिन्हे पढ़ कर सभी छोड़ दिया करते थे आज छोड़ रहे है वो मेहताब…
कुछ शब्द हो तो देना राह गुजरते राहगीर शब्द ए आईने की खिदमत "उसे" करनी है
इंतजार भी उसका जिसे आना ही नहीं है.... प्यार भी उस से ... जिसको कभी पाना ही नहीं है..!!😊
तुझे गुस्सा दिलाना भी एक साजिश हैं !!! तेरा रुठ कर मुझ पर यूँ हक जताना प्यार सा लगता हैं…
जिस्म से होने वाली मोहब्बत का इज़हार आसान होता है रूह से हुई मोहब्बत समझने में ज़िन्दगी गुजर जाती है…
I'm sorry for being annoying when I want to talk, needy because I miss you, emotional when I care &…