कौन कहता है की दिल.. सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है, तेरी ख़ामोशी भी कभी कभी.. आँखें नम कर देती…
ख़ुशी कहा हम तो “गम” चाहते है, ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें “हम” चाहते है
तुम्हारा होना बिल्कुल रविवार की सुबह जैसा है, कुछ सूझता नहीं है…. बस अच्छा लगता है !!!
मुझसे जो भी नफरत करते है सुकून से करे . . . मैं भी हर शख्स को मोहब्बत के काबिल…
इश्क़ का तो ऐसा हिसाब है कि . . . बंद हो चुका नंबर भी डिलीट करने को दिल नहीं…
हसरत पूरी ना हों तो ना सही . . . ख्वाहिश करना कोई गुनाह तो नहीं….!!
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में…. बस हम गिनती उसी की करते है, जो हासिल ना हो सका….
काश तुम पूछो की मुझसे क्या चाहिये, मैं पकडू बस तेरा हाथ और कहूँ सिर्फ तेरा साथ चाहिये…
मत देख कोई शख्स गुनाहगार है कितना, बल्कि, यह देख, तेरे साथ वफादार है कितना…