जब कभी दर्द की तस्वीर बनाने निकले ज़ख़्म की तह में कई ज़ख़्म पुराने निकले ~अहया भोजपुरी
कोई प्यार से जरा सी फुंक मार दे तो बुझ जाऊं.....!! नफरत से तो तुफान भी हार गए मुझे बुझाने…
बहुत रोयी वो उस शख़्स के जाने से इश्क़ रहा होगा, यूं ही कोई जज़्बाती नहीं होता
बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लो मोहब्बत में कोई भी फ़ैसला ज़ाती नहीं होता ~अफ़ज़ल ख़ान
ख़ुदा के फ़ज़्ल से मुझ को सभी कुछ मिल गया लेकिन मुझे इस बज़्म में उन की कमी तकलीफ़ देती…
दूर से दूर तलक एक भी दरख्त न था| तुम्हारे घर का सफ़र इस क़दर सख्त न था। इतने मसरूफ़…
इंतजार भी उसका जिसे आना ही नहीं है.... प्यार भी उस से ... जिसको कभी पाना ही नहीं है..!!😊
अब तो इन आँखों से भी जलन होती है मुझे… खुली हो तो ख्याल तेरे! बंद हो तो ख़्वाब तेरे!..
उसने यह सोचकर अलविदा कह दिया…… गरीब लोग हैं, मुहब्बत के सिवा क्या देँगे…..!!
चलो अब जाने भी दो..क्या करोगे दासता सुनकर.., ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,और बयां हमसे होगी नहीं…