मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में…. बस हम गिनती उसी की करते है, जो हासिल ना हो सका….
बाहर जाकर सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है खुश दिखना, खुश रहने से जरूरी हो गया है,
रिश्तों को कभी धोखा मत दो, पसंद ना आऐ तो उसे पूर्णविराम कर दो
बहुत पाक रिश्ते होते है नफरतों के, कपड़े अक्सर मोहब्बत में ही उतरते हैं…
मोहब्बत भी उधार कि तरह होती है …. “साहब” लोग ले तो लेते है .. मगर देना भूल जाते है.
अजीब खेल है ये मोहब्बत का . . किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला!
बहुत तब्दीलियाँ आई हैं मुझमे बस तुझे याद करने की वो आदत नहीं गयी💕....!!!
आशियाने बनें भी तो कहाँ जनाब… जमीनें महँगी हो चली हैं और दिल में लोग जगह नहीं देते..
वाकई पत्थर दिल ही होते हैं शायर…!! वर्ना अपनी आह पर वाह सुनना कोई मज़ाक नहीं…!!