खुशी के माहौल में भी मेरा लिखा पढ़कर रो पड़ो . . . . तो समझ लेना कि मैं अब…
ना चाहते हुए भी छोड़ना पड़ता है ... . . . . कुछ मजबूरियां , मोहब्बत से भी गहरी होती…
प्रेम में टूटे हुए कुछ लोग देवालय में चढ़े फूल-से पवित्र हो जाते हैं!! उन्हें छूने में भी लोग डरते…
इतना सस्ता कभी नहीं रहा था मैं ।। . . . . वो तो उसी के लिये रियायत ज्यादा थी।।
हम उसको सुनाते रहे गम की कहानियां। जो शख्स कान से ही नही दिल से भी बहरा था
समस्या ये भी गंभीर है . . . जिसे तूँ सिर्फ अपनी समझता है, वो पता नही कितनों की हीर…
" कौन कहता है हम झूठ नहीं बोलते, . . . . एक बार खैरियत पूछ के तो देखिये !!…
उसको मुकम्मल लिखना चाहती हूं . . . जो अधूरा मुझे छोड़ गया है..💔
हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम.. फिर वही शायरी.. फिर वही इश्क़ फिर वही तुम..😘