चेहरे को आज तक भी तेरा इंतज़ार है . . . हमने किसी और को गुलाल मलने नहीं दिया #होली
शुरुआत में कितने भी कसमें वादें कर लो , अंत " पापा नहीं मानेंगे बाबू " से होगा।
कितने ही दिल तोड़ती है ये "फरवरी" … यूंही नही बनाने वाले ने इसके दिन घटाये होंगे..!
आप की सीधी-सादी बातों में चीनी के एक दाने भर की भी मिठास नहीं तो क्या हुआ साहिब!! . .…
एक आख़िरी मुलाक़ात को बुलाया था उसने मैं नहीं गया, यूँ न जाकर मैंने बचाये रखी एक आख़िरी मुलाक़ात ~…