लोग जब पूछते है कि... आप क्या काम करते है..??? असल में वो हिसाब लगाते है कि... . . .…
किसी का श्रेय मिले ना मिले, अपना श्रेष्ठ देने चाहिये आशा चाहे कितने कम हो निराशा से बेहतर होती है…
“बुद्धिमान व्यक्तियों की प्रंशसा की जाती है; धनवान व्यक्तियों से ईर्ष्या की जाती है; बलशाली व्यक्तियों से डरा जाता है,…
किसी की पहली पसंद से ले कर . . . . . किसी के आखरी ख़्वाईश तक का सफर है…
सब कुछ हासिल नही होता ज़िंदगी मे यहाँ किसी का "काश" तो किसी का अगर रह ही जाता है ....
जब इंसान हर काम में थकावट महसूस करने लगे तब ज़रूरी नहीं वह थका हुआ हो कभी कभी वो हारा…
"नाराज़गी" भी एक खूबसूरत रिश्ता है, जिससे होती हैं वह व्यक्ति दिल और दिमाग, दोनों में रहता है
जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप से नहीं कह सकता उसी को क्रोध अधिक आता है