“रख के हर चीज़ भूलने वाली , . . . . . ला तेरा दिल संभाल कर रख लूँ..!”❤️
कहते हैं वक्त सबकुछ सिखा देता है..... . . . . . . . . . . . . .…
पता नहीं लोग आपस में बांटकर कैसे खा लेते हैं। . . . . . . . . . .…
#पिता अर्थात एक जोड़ी वह आंख, जिसकी पलकों में अंकुरते हैं बेटे को हर तरह से बड़ा करने के हजारों…
#पिता अर्थात वह लाठी, जो छोटे पौधे को सीधा करने के लिए, खड़ी और गड़ी रहती है, साथ-साथ...।
पिता अर्थात छायादार वह बड़ा वृक्ष, जिसमें बचपने की गौरेया बनाती है घोसला...। #फादर्सडे
"माँ" एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है। #Mother #माँ #अम्मा
सफ़र में मुश्किलें आएँ तो जुर्रत और बढ़ती है कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है मेरी कमज़ोरियों…
परख से परे है शख्सियत मेरी मैं उन्ही के लिए हूँ जो समझें कदर मेरी....…💓
बेवजह शोर मचाने से सुर्खियां नहीं मिला करती..! कर्म करोगे तो खामोशियां भी अखबारों में छपेंगी....