सब्र इतना रखो की इश्क़ बेहूदा ना बने . . . खुदा मेहबूब बन जाए ... पर महबूब खुदा ना…
एक ख़ूबसूरत पेड़ जिसपे खिले थे लाल मखमली खूबसूरत फूल इसे देख अचानक ठहर गयी नज़र क्योंकि नहीं थी उसपे…
किसी को चाहना तो इतनी शिद्दत से चाहना की उसके जाने के बाद तुम्हारी कविताएँ मोहताज न रहें किसी समीक्षक…
सुन रहे हो प्रिय? तुम्हें मैं प्यार करती हूँ। और जब नारी किसी नर से कहे, प्रिय! तुम्हें मैं प्यार…
तुम दिल्ली की इठलाती मेट्रो मैं कलकत्ते का सहमा ट्राम प्रिये तुम अंग्रेजी की पॉपुलर लेक्चरर मैं हिंदी का लेखक…
इश्क में रूठना एक अदा है, पर रूठकर दूरी बनाना.... एक इशारा, किसी से रूठ कर आप उनसे दूरी बनाते…
कभी लफ़्ज़ों में मत ढूँढना... मेरे इश्क का वजूद... . . मैं उतना नहीं लिख पाता... जितना महसूस करता हुँ...
वो अपनी नाराजगी कुछ यूँ जाहिर करती है जब भी नाराज़ होती है #तुम से #आप कहने लगती है 😍…
मुझे पसंद हैं धूसर कत्थई होंठ बिन काजल बड़ी आंखें पसीने से धुला चमकता चेहरा ख़ुश्क लहराते बाल सादे कपड़े…
प्रेम मेरे लिए वह अंतहीन यात्रा है जिसका कोई लक्ष्य नहीं!तुम भी नहीं!! . . . तुम तो वह सहयात्री…