नजाकत तो देखिये, की सूखे पत्ते ने डाली से कहा .. . . . चुपके से अलग करना वरना लोगो…
हसरत पूरी ना हों तो ना सही . . . ख्वाहिश करना कोई गुनाह तो नहीं….!!
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में…. बस हम गिनती उसी की करते है, जो हासिल ना हो सका….
रिश्तों को कभी धोखा मत दो, पसंद ना आऐ तो उसे पूर्णविराम कर दो
इंसान सब कुछ कॉपी कर सकता है . . . लेकिन किस्मत और नसीब नही
बाज़ार बड़ा मंदा है साहेब….. ख़ुशी की किल्लत है और ग़म कोई ख़रीद नहीं रहा
कहीं बाजार में मिल जाये तो लेते आना वो चीज़ जिसे दिल का सुकून कहते हैं…