बड़ी दिल फरेब सी है तेरी ये अदा ना चैन लेने दे, ना ही कोई सुकून दे
तेरे वादों पे कहाँ तक मेरा दिल फ़रेब खाए कोई ऐसा कर बहाना मेरी आस टूट जाए ~फ़ना निज़ामी कानपुरी
ला रहे हैं नींद के #आग़ोश में अश्क़ मुझको थपकियां देते हुए... नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ…
भूले नहीं हम उसे...... और भूलेगें भी नहीं, बस नज़र अंदाज करेंगे उसे उसी की तरह
जिंदगी नाव की मानिंद यूँ ही बस चलती रहे मुहब्बत की आग प्यासे दिलों में जलती रहे लहरें तो सदा…
याद कर लेना मुझे तुम कोई भी जब पास न हो चले आएंगे इक आवाज़ में भले हम ख़ास न…
"इश्क" आता तो दबें पाव है "शोर" तो उसके "टूटने" पर होता है❤️....
चलो तुम कुछ बातें याद करके हमे गले लगा लो❤️ और मैं कुछ बातें भूलकर मुस्कुरा लेती हूँ🤗....
"छूट गया हाथों से" वो मेरे कुछ इस "कदर" रेत "फिसलती" है जैसे "बन्द मुट्ठी से"💔.....
माना कि तुम्हारे दिल मे कोई और है . हमें फेफड़ों में ही एडजस्ट कर लो ना😂😂😂