काश अठखेलियां लेता कभी तेरे प्यार से उफनते सागर में रोम रोम हर्षित हो जाता तब मिलता सुकून भरता तुझे पहलू में
काश भीगता कभी तू मेरे सुखन की बारिश में। कतरा - कतरा जज़्बात, तेरी जड़ों में रिस जाते।।
कुछ गम, कुछ ठोकरें, कुछ चीखें उधार देती है। कभी-कभी जिंदगी, मौत आने के पहले ही मार देती है।।
कोई प्यार से जरा सी फुंक मार दे तो बुझ जाऊं.....!! नफरत से तो तुफान भी हार गए मुझे बुझाने में.... -अज्ञात 😊🙏
बहुत रोयी वो उस शख़्स के जाने से इश्क़ रहा होगा, यूं ही कोई जज़्बाती नहीं होता
बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लो मोहब्बत में कोई भी फ़ैसला ज़ाती नहीं होता ~अफ़ज़ल ख़ान
इश्क़ में क्या तुम और क्या मैं आप ही रूठिये, आप ही मानिये और भी बहुत रंग हैं मोहब्बत के हरेक आज़माइये, हरेक जानिये
मुझ को बीमार करेगी, तेरी आदत इक दिन और फिर तुझ से भी अच्छा नहीं हो पाऊँगा -Rahul Jha
ख़ुदा के फ़ज़्ल से मुझ को सभी कुछ मिल गया लेकिन मुझे इस बज़्म में उन की कमी तकलीफ़ देती है ~सहर महमूद
तलब में शुमार इस कदर दीदार उनका, सौ बार भी मिल जाये अधूरा लगता है।