🌹जो परिवर्तन हम देखना चाहते हैं उसकी शुरुआत स्वयं से क्यों न करें....🌹
दूध को दुखी करो तो दही बनता है दही को सताने से मक्खन बनता है मक्खन को सताने से घी बनता है और मुझको दुखी करने वाला नर्क का भागी बनता है 😂😂😂
ला रहे हैं नींद के #आग़ोश में अश्क़ मुझको थपकियां देते हुए... नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती है उन की #आग़ोश में सर हो ये ज़रूरी तो नहीं
इतने भी प्यारे नही हो तुम बस मेरी चाहत ने तुम्हे सर पर चढ़ा रखा है।
भूले नहीं हम उसे...... और भूलेगें भी नहीं, बस नज़र अंदाज करेंगे उसे उसी की तरह
जिंदगी नाव की मानिंद यूँ ही बस चलती रहे मुहब्बत की आग प्यासे दिलों में जलती रहे लहरें तो सदा #आग़ोश में लेने को मचलती है कुछ दूर से ही नज़रों से ये नज़र मिलती रहे
याद कर लेना मुझे तुम कोई भी जब पास न हो चले आएंगे इक आवाज़ में भले हम ख़ास न हों
"इश्क" आता तो दबें पाव है "शोर" तो उसके "टूटने" पर होता है❤️....
राह में खतरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है. मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है. तेरे लश्कर के मुक़ाबिल में अकेला हूँ मगर फैसला मैदान में होगा के मरता कौन है.... - राहत इंदौरी