रख लो आईने हज़ार तसल्ली के लिए……!! पर सच के लिए तो,आँखें ही मिलानी प़डेगी….!!!
आशियाने बनें भी तो कहाँ जनाब… जमीनें महँगी हो चली हैं और दिल में लोग जगह नहीं देते..
वाकई पत्थर दिल ही होते हैं शायर…!! वर्ना अपनी आह पर वाह सुनना कोई मज़ाक नहीं…!!
खुश किस्मत होते है वो जो तलाश बनते है किसी की, वरना पसंद तो कोई भी किसी को भी कर लेता है..
” बुरा ” हमेशा वही बनता है, जो ” अच्छा ” बनके टूट चूका होता है !
कोई ऐसा सख्श मुझे भी दे… ऐ मौला.. जो मुझे बस खोने से डरता हो…!!!
रजाईयां नहीं हैं उनके नसीब में। गरीब गर्म हौसले ओढ़कर सो जाते है।।
तेरे होंठो को देखा तो एक बात उठी जहन में वो लफ्ज़ कितने नशीले होंगे, जो इनसे होकर गुजरते है
“मतलब” बहुत वजनदार होता है …! . . . निकल जाने के बाद हर रिश्ते को हल्का कर देता है …!!