रास्ते कहाँ ख़त्म होते हैं

रास्ते कहाँ ख़त्म होते हैं

रास्ते कहाँ ख़त्म होते हैं ज़िन्दगी के सफ़र में,
मंज़िल तो वहीँ है जहां ख्वाहिशे थम जाए..।।

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