मेरी शायरियों का बस इतना उसूल है . . . तुम वाह ! कहो तो मुकम्मल बर्ना सब फिजूल है…
हक दिया था तुम्हें... हाथ पकड़ कर रोक लेने का मुझे... पर तुम्हारी खामोशी ने पल में पराया कर दिया...!!
अजीब पहेली है इश्क... सताता है, सहलाता है, हँसाता है, रुलाता है.... दर्द देता है... औऱ दर्द देने वाले के…
"इश्क़" को बस इस तरह बचा लिया करो . . . कभी मान जाया करो कभी मना लिया करो
समझता ही नहीं वो शख़्स, अल्फ़ाज़ की गहराई... हमने हर वो लफ़्ज़ कह दिया, जिस में मोहब्बत है..!!
मेरे घर की छत के ऊपर एक छोटी छत है, वहाँ का रास्ता एक कच्ची सीढ़ी से हो कर जाता…
अगर बात ख्वाबों कि करूं तो सिर्फ इतना ही कहुँगी … तुमसे जुड़ा हो तो हसीन है, और अगर तुम्हारा…