चेहरा खूबसूरत हैं तो आशिक़ों की कमी नहीं . . . . तलाश उनकी हैं जो झुर्रियों को भी दिल…
घर में पति की जूठन खाने वाली स्त्रियां, चीखती है मन ही मन में जब होता है अहसास उसे, बिस्तर…
घर, मोहल्ला, शहर, इश्क़ सब चीज छोड़ना पड़ा . . . रोटी महँगी थी,हर चीज से !!
सब्र इतना रखो की इश्क़ बेहूदा ना बने . . . खुदा मेहबूब बन जाए ... पर महबूब खुदा ना…
रहने दो "उधार" इक मुलाकात यूं ही..! . . . . सुना है "उधार" वालों को "लोग" "भुलाया" नहीं करते..!!
एक ख़ूबसूरत पेड़ जिसपे खिले थे लाल मखमली खूबसूरत फूल इसे देख अचानक ठहर गयी नज़र क्योंकि नहीं थी उसपे…
फासला रखिये नहीं तो मोहब्बत हो जायेगी . . . फिर किसी की अम्मा नही मानेगी ... किसी के अब्बा…
किसी को चाहना तो इतनी शिद्दत से चाहना की उसके जाने के बाद तुम्हारी कविताएँ मोहताज न रहें किसी समीक्षक…
बिना जिस्म को छुए कोई रूह से लिपट जाए... . . . मेरे ख्याल में तो वही सच्चा इश्क़ है..
गलतियों से जुदा तू भी नही, मैं भी नही, दोनों इंसान हैं, खुदा तू भी नही, मैं भी नहीं तू…