दिल और ज़ुबान का साफ़ व्यक्ति.... रिश्तों के बाज़ार में.... अक्सर अकेला खड़ा रह जाता है...!!!
सब कुछ हासिल नही होता ज़िंदगी मे यहाँ किसी का "काश" तो किसी का अगर रह ही जाता है ....
जब इंसान हर काम में थकावट महसूस करने लगे तब ज़रूरी नहीं वह थका हुआ हो कभी कभी वो हारा…
"नाराज़गी" भी एक खूबसूरत रिश्ता है, जिससे होती हैं वह व्यक्ति दिल और दिमाग, दोनों में रहता है
जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप से नहीं कह सकता उसी को क्रोध अधिक आता है
कचरे में पड़ी रोटियाँ रोज यह कहती है की पेट भरते ही इंसान अपनी औकात भुल जाता हैं
बुरा समय आपका जीवन के उन सत्यों से सामना करवाता है, जिनकी आपने अच्छे समय में कभी कल्पना भी नहीं…
"सुलझा हुआ इंसान वह है जो अपने जीवन के निर्णय स्वयं लेता है, और उन निर्णयों के परिणाम के लिए…
"व्यक्तित्व" की भी अपनी वाणी होती है जो "कलम"' या "जीभ" के इस्तेमाल के बिना भी, लोगों के "अंर्तमन" को…