Day: <span>January 15, 2021</span>

Day: January 15, 2021

पिताजी गणित हैं,और माँ?

पिताजी गणित हैं,
कठिन, समझ में नहीं आते
लेकिन सत्य भी वही हैं।

और माँ?
माँ, प्रेम है, साहित्य है।

माँ, एक कहानी सुनाती है,
जोकि काल्पनिक है।
जिससे हम सीखते हैं सत्य
और समझने लगते हैं गणित…

~देवेंद्र पाण्डेय(@SankrityaDev)

कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो,

कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो,आँखें मूंदकर उसके पीछे न चलिए।
यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती तो वह हर प्राणी को आँख,नाक,कान,मुँह, मस्तिष्क आदि क्यों देता..??

कानंद~स्वामी विवे

मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना

मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना
यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है

~ बशीर बद्र