बड़ी दिल फरेब सी है तेरी ये अदा
ना चैन लेने दे, ना ही कोई सुकून दे
कोई ऐसा कर बहाना मेरी आस टूट जाए
तेरे वादों पे कहाँ तक मेरा दिल फ़रेब खाए
कोई ऐसा कर बहाना मेरी आस टूट जाए
~फ़ना निज़ामी कानपुरी
मुझको दुखी करने वाला
दूध को दुखी करो तो दही बनता है
दही को सताने से मक्खन बनता है
मक्खन को सताने से घी बनता है
और मुझको दुखी करने वाला
नर्क का भागी बनता है
😂😂😂
उन की आग़ोश में सर हो ये ज़रूरी तो नहीं
ला रहे हैं नींद के #आग़ोश में
अश्क़ मुझको थपकियां देते हुए…
नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती है
उन की #आग़ोश में सर हो ये ज़रूरी तो नहीं