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अगले जन्म मैं

अगले जन्म मैं तुम्हें
प्रेयसी नहीं
भिक्षुणी बनकर मिलूँगी
एकदम खाली हाथ

मैंने मुट्ठी भर-भर
तुम्हें जो सर्वस्व दिया है
क्या तब तुम अंजुरी भर
डालोगे मेरी झोली में?

-समृद्धि

प्यार जताने के बहुत मार्ग हैं

चूम लेते
किसी खिलते हुए फूल को!
या सहला देते
किसी पेड़ की पीठ!

कर देते
थोड़ी सी गिदगिलियां
बूढ़की दादी को!
या पास बैठकर
सुन लेते कोई पुराना किस्सा
चुपचाप बैठे दादाजी से!

प्यार पाने के
प्यार जताने के
कितने मार्ग हैं मित्र
और तुम उदास बैठे हो!

~ नरेश गुर्जर

किसी को चाहना तो

किसी को चाहना तो
इतनी शिद्दत से चाहना की
उसके जाने के बाद
तुम्हारी कविताएँ
मोहताज न रहें
किसी समीक्षक की
किसी प्रशंसक की….

~ रचित दीक्षित

मैं रुई पर एक कविता लिखूँगा

मैं रुई पर एक
कविता लिखूँगा
और उसे तेल में डुबाकर
दिया में सजाऊँगा

फिर संसार के सबसे ऊंचे
पर्वत पर जाकर
मैं उस दीये को जलाऊँगा

कविता में कुछ हो न हो
उजाला जरूर होना चाहिए
बस इतना उजाला
जो अंधेरा हर सके।

~ देवेंद्र