लोग कहते हैं की पागल का कोई भरोसा नहीं..
कोई ये नहीं समझता की ‘भरोसे’ ने ही उसे पागल किया है..
लोग कहते हैं की पागल का कोई भरोसा नहीं..
कोई ये नहीं समझता की ‘भरोसे’ ने ही उसे पागल किया है..
उसकी मोहब्बतों का कैसे हिसाब हो,
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जो गले लग कर कहे तुम बहुत खराब हो।
बस एक बार किसी ने गले लगाया था
फिर उस के बाद न मैं था न मेरा साया था
#ज़फ़र_इक़बाल #UrduPoetry
पायल बेचकर उसने लगवाए थे
मेरे गिटार में नए तार
अब तारों को छेड़ता हूँ
तो छम-छम की आवाज़ आती है